नई दिल्ली: गाजा संकट के बीच इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार भारत दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। बैठक के बाद इजरायली विदेश मंत्री ने कहा दोनों देश आतंकवाद के खतरों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।   
   
मोदी की बात हम कभी नहीं भूलेंगेः इजरायल गिदोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल के प्रति एकजुटता की भी सराहना की। उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत समर्थन को याद रखते हैं। हम नहीं भूलेंगे कि 7 अक्टूबर के हमास नरसंहार के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के पहले नेता थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया था।'
     
   
   
भारत-इजरायल दोनों आतंकवाद से पीड़ितविदेश मंत्री जयशंकर के साथ दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायली विदेश मंत्री ने कहा, 'इजरायल एक अनोखी चुनौती का सामना कर रहा है जिसे मैं ‘आतंकी राज्य’ कहता हूं। गाजा में हमास, लेबनान में हिज़बुल्ला और यमन में हूथी जैसे कट्टरपंथी आतंकी समूह पिछले कई दशकों से सक्रिय हैं। इनका खात्मा हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है। हमास के आतंकी शासन को समाप्त करना राष्ट्रपति ट्रंप की योजना का मुख्य हिस्सा है। हमास को निशस्त्र किया जाना चाहिए और गाजा को पूरी तरह से निरस्त्र किया जाना चाहिए। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।'
   
भारत भविष्य हैः गिदोनगिदोन सार ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत भविष्य है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी है। भारत आज एक वैश्विक महाशक्ति है और इजरायल अपने क्षेत्र की अग्रणी शक्ति है। हमारे दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरी मित्रता है और हमारा लक्ष्य भारत-इजरायल के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी बनाना है।'
   
भारत-इजरायल आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं करेंगेइससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और इजरायल को आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का वैश्विक दृष्टिकोण कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने अपने इजरायली समकक्ष गिदोन सार के साथ बैठक के दौरान यह बात कही। जयशंकर ने कहा, ' दोनों देश आतंकवाद से उपजी एक विशेष चुनौती का सामना कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यह आवश्यक है कि हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने का वैश्विक दृष्टिकोण कायम करने की दिशा में मिलकर काम करें।' इजरायली विदेश मंत्री सोमवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे।
मोदी की बात हम कभी नहीं भूलेंगेः इजरायल गिदोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल के प्रति एकजुटता की भी सराहना की। उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत समर्थन को याद रखते हैं। हम नहीं भूलेंगे कि 7 अक्टूबर के हमास नरसंहार के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के पहले नेता थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया था।'
#WATCH | Delhi: At the meeting with EAM Dr S Jaishankar, Foreign Minister Gideon Sa'ar of Israel says, "We appreciate Prime Minister Modi's strong solidarity. We remember that he was the first world leader to call PM Netanyahu after Hamas' October 7 massacre. We won't forget it." pic.twitter.com/iVQgTbeTFF
— ANI (@ANI) November 4, 2025
भारत-इजरायल दोनों आतंकवाद से पीड़ितविदेश मंत्री जयशंकर के साथ दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायली विदेश मंत्री ने कहा, 'इजरायल एक अनोखी चुनौती का सामना कर रहा है जिसे मैं ‘आतंकी राज्य’ कहता हूं। गाजा में हमास, लेबनान में हिज़बुल्ला और यमन में हूथी जैसे कट्टरपंथी आतंकी समूह पिछले कई दशकों से सक्रिय हैं। इनका खात्मा हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है। हमास के आतंकी शासन को समाप्त करना राष्ट्रपति ट्रंप की योजना का मुख्य हिस्सा है। हमास को निशस्त्र किया जाना चाहिए और गाजा को पूरी तरह से निरस्त्र किया जाना चाहिए। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।'
भारत भविष्य हैः गिदोनगिदोन सार ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत भविष्य है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी है। भारत आज एक वैश्विक महाशक्ति है और इजरायल अपने क्षेत्र की अग्रणी शक्ति है। हमारे दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरी मित्रता है और हमारा लक्ष्य भारत-इजरायल के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी बनाना है।'
भारत-इजरायल आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं करेंगेइससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और इजरायल को आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का वैश्विक दृष्टिकोण कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने अपने इजरायली समकक्ष गिदोन सार के साथ बैठक के दौरान यह बात कही। जयशंकर ने कहा, ' दोनों देश आतंकवाद से उपजी एक विशेष चुनौती का सामना कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यह आवश्यक है कि हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने का वैश्विक दृष्टिकोण कायम करने की दिशा में मिलकर काम करें।' इजरायली विदेश मंत्री सोमवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे।
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