नई दिल्ली: रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिका लगातार भारत पर निशाना साध रहा है। इसी बीच यूएस प्रेसीडेंट ट्रंप ने कुछ रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं। जिसे लेकर ये चर्चा शुरू हो गई कि भारतीय कंपनियां आने वाले समय में रूस से तेल डील पर विचार कर सकती हैं। इन घटनाक्रम के बीच भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने सवाल उठाया कि रूस के साथ तेल के अपने सौदों को लेकर भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा। वो भी ऐसे वक्त में जब यूरोपीय देशों को इस संबंध में चुपचाप छूट मिलती दिख रही है।
पीयूष गोयल की खरी-खरी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रूस से कच्चे तेल की डील को लेकर पश्चिमी देशों पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। गोयल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अखबार में पढ़ रहा था कि जर्मनी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मांग रहा। ब्रिटेन ने पहले ही अमेरिका से तेल खरीदने के लिए छूट हासिल करने का तरीका तलाश लिया है या शायद उसे छूट मिल भी गई है तो फिर भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
जर्मनी-ब्रिटेन का जिक्र
पीयूष गोयल की यह टिप्पणी रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए भारत पर अमेरिका की ओर से बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले एक हफ्ते में कई बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए राजी है। हालांकि भारत ने इससे इनकार किया है। अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस के दो सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों रॉसनेफ्ट और ल्यूकऑयल पर प्रतिबंध लगा दिए और सभी अमेरिकी संस्थाओं और लोगों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया।
रूस से तेल खरीदने पर ट्रंप ने बढ़ाया टैरिफ
रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ का जुर्माना लगाया हुआ है। यह अमेरिकी बाजारों में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर 25 फीसदी के जवाबी टैरिफ के अतिरिक्त है। कुल मिलाकर भारतीय सामानों पर अमेरिका में 50 टैरिफ का आयात शुल्क लग रहा है। भारत ने इस एक्शन को ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ बताया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि किसी भी देश को व्यापार समझौतों को अल्पकालिक परिप्रेक्ष्य में नहीं देखना चाहिए।
यूके के मंत्री से बोले गोयल- पश्चिमी देश अपना रहे दोहरी नीति
ये चर्चा पीयूष गोयल और यूके के व्यापार मंत्री डगलस अलेक्जेंडर के बीच हुई। दोनों पक्ष रूसी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से जुड़े प्रतिबंधों की तुलना कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूके के मंत्री ने स्वीकार किया कि लंदन और बर्लिन ने पहले ही वाशिंगटन की मंजूरी से रूस के साथ अपने ऊर्जा आपूर्ति के मुद्दों को सुलझा लिया था। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और कई यूजर्स इसकी तारीफ कर रहे हैं। वे पीयूष गोयल के यूके मंत्री संग सीधी बातचीत की सराहना कर रहे हैं।
पीयूष गोयल की खरी-खरी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रूस से कच्चे तेल की डील को लेकर पश्चिमी देशों पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। गोयल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अखबार में पढ़ रहा था कि जर्मनी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मांग रहा। ब्रिटेन ने पहले ही अमेरिका से तेल खरीदने के लिए छूट हासिल करने का तरीका तलाश लिया है या शायद उसे छूट मिल भी गई है तो फिर भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
जर्मनी-ब्रिटेन का जिक्र
पीयूष गोयल की यह टिप्पणी रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए भारत पर अमेरिका की ओर से बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले एक हफ्ते में कई बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए राजी है। हालांकि भारत ने इससे इनकार किया है। अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस के दो सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों रॉसनेफ्ट और ल्यूकऑयल पर प्रतिबंध लगा दिए और सभी अमेरिकी संस्थाओं और लोगों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया।
रूस से तेल खरीदने पर ट्रंप ने बढ़ाया टैरिफ
रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ का जुर्माना लगाया हुआ है। यह अमेरिकी बाजारों में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर 25 फीसदी के जवाबी टैरिफ के अतिरिक्त है। कुल मिलाकर भारतीय सामानों पर अमेरिका में 50 टैरिफ का आयात शुल्क लग रहा है। भारत ने इस एक्शन को ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ बताया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि किसी भी देश को व्यापार समझौतों को अल्पकालिक परिप्रेक्ष्य में नहीं देखना चाहिए।
यूके के मंत्री से बोले गोयल- पश्चिमी देश अपना रहे दोहरी नीति
ये चर्चा पीयूष गोयल और यूके के व्यापार मंत्री डगलस अलेक्जेंडर के बीच हुई। दोनों पक्ष रूसी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से जुड़े प्रतिबंधों की तुलना कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूके के मंत्री ने स्वीकार किया कि लंदन और बर्लिन ने पहले ही वाशिंगटन की मंजूरी से रूस के साथ अपने ऊर्जा आपूर्ति के मुद्दों को सुलझा लिया था। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और कई यूजर्स इसकी तारीफ कर रहे हैं। वे पीयूष गोयल के यूके मंत्री संग सीधी बातचीत की सराहना कर रहे हैं।
You may also like

भारत की तीनों सेनाओं का खौफ... पाकिस्तानी नेवी चीफ ने विवादित सर क्रीक क्षेत्र का किया दौरा, नौसेना में शामिल किया नया हथियार

रश्मिका मंदाना की नई फिल्म 'द गर्लफ्रेंड' का ट्रेलर रिलीज, निर्माता ने की प्रशंसा

मीरजापुर : मां ने की दो मासूम बेटों की हत्या, फिर फांसी लगा की आत्महत्या

युवक की हत्या कर शव को पार्क के बाहर डालने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

...तो सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे, जिसमें वक्फ भी शामिल! RJD MLC कारी सोहैब के बयान पर BJP की मोर्चेबंदी




