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स्नैपचैट चलाने वालों के लिए गुड न्यूज, इस AI से कर पाएंगे बात, एंड्रॉयड वालों की भी मौज

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स्‍नैपचैट यूजर्स के लिए गुड न्‍यूज आ गई है। स्‍नैपचैट और परप्‍लेक्‍स‍िटी ने हाथ मिला लिया है। स्‍नैपचैट के अनुसार, अगले साल यानी 2026 से स्‍नैपचैट यूजर्स को चैट ऑप्‍शन के अंदर एआई का इंटीग्रेशन मिल जाएगा और लोग उससे बात कर पाएंगे। अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर पाएंगे। 25 से ज्‍यादा देशों में स्‍नैपचैट के 943 मिलियन (94.3 करोड़) यूजर हैं। इनमें बड़ी संख्‍या 13 से 34 साल के लोगों की है। इसके अलावा, यह जानकारी भी आ रही है कि परप्‍लेक्‍सिटी का कॉमेट कुछ एंड्रॉयड यूजर्स के लिए रोलआउट होना शुरू हो गया है।

स्‍नैपचैट में पहली बार बड़े एआई का आगाज स्‍नैपचैट में अबतक किसी बड़े एआई का इंटीग्रेशन नहीं हुआ है। ऐसे में यूजर्स को एआई टूल्‍स के इस्‍तेमाल के लिए ऐप से बाहर निकलना होता है। यह मुश्किल अब नहीं रहेगी। अगले साल से स्‍नैपचैट यूजर्स, चैट बॉक्‍स के अंदर ही परप्‍लेक्‍सिटी एआई से बात कर पाएंगे। इस सौदे के तहत परप्‍लेक्‍स‍िटी की तरफ से स्‍नैपचैट को 400 मिलियन डॉलर का पेमेंट होगा और परप्‍लेक्‍सिटी को अपना यूजर बेस बढ़ाने में मदद मिलेगी।

युवाओं के बीच पॉपुलर स्‍नैपचैट स्‍नैपचैट की बड़ी खूबी है कि ये युवाओं के बीच अधिक पॉपुलर है। कंपनी का कहना है कि 25 से ज्‍यादा देशों में 13 से 34 साल के 75 फीसदी से ज्‍यादा युवा स्‍नैपचैट का इस्‍तेमाल करते हैं। इस डील पर परप्‍लेक्‍सि‍टी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने कहा कि स्‍नैपचैट में परप्‍लेक्‍स‍िटी को लाकर उस जिज्ञासा को वहीं शांत किया जा सकेगा, जो ऐप के अंदर पैदा होती है। वहीं, स्‍नैपचैट का कहना है कि इससे स्‍नैपचैट पर सर्च का एक्‍सपीरियंस बेहतर होगा। हम भविष्‍य में ऐसे और भी पार्टनरों के साथ काम करने के इच्‍छुक हैं।


एंड्रॉयड में कॉमेट की एंट्री

एक खबर यह भी आ रही है कि परप्‍लेक्‍सिटी का कॉमेट ब्राउजर कुछ एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्‍ध हो रहा है जिन्‍होंने रजिस्‍टर किया था। यह ब्राउजर मैक यूजर्स के लिए पहले ही आ चुका है। परप्‍लेक्‍सिटी के कॉमेट ब्राउजर का मुकाबला गूगल के क्रोम ब्राउजर से होने वाला है। कॉमेट ब्राउजर पूरी तरह से एक एआई ब्राउजर है। एंड्रॉयड में कॉमेट का आना आप ऐसे समझ सकते हैं कि आने वाले वक्‍त में आप इसे अपने स्‍मार्टफोन, टैबलेट में इस्‍तेमाल कर पाएंगे। अगर ऐसा सच में हो जाता है कि तो बड़ी संख्‍या में लोग एआई ब्राउजर की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं।
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