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पाकिस्तान के डेढ़ लाख से ज्यादा मजदूरों को नौकरी देगा रूस का दोस्त, शहबाज शरीफ की घोषणा, जानिए क्यों है सोने पर सुहागा?

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा है कि बेलारूस ने करीब डेढ़ लाख पाकिस्तानियों नौकरी देने की पेशकश की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे "पाकिस्तानी जनता के लिए एक उपहार" बताया है। पाकिस्तान ने कहा है कि बेलारूस का ये ऑफर दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है, जो व्यापार, कृषि, रक्षा और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में विस्तार पा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच मिन्स्क में हुई बैठक के दौरान, बेलारूस ने 1.5 लाख कुशल पाकिस्तानी युवाओं को अपने देश में काम करने का प्रस्ताव दिया। शहबाज शरीफ ने इसे पाकिस्तान के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।रिपोर्ट के मुताबिक ये वर्कर्स कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्रियल प्लांट्स, कृषि और लॉजिस्टिक सेक्टर में लगाए जाएंगे। ये पेशकश उस समय आई है जब बेलारूस यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है और उसे नई मैनपावर और व्यापार साझेदारियों की तलाश है। पाकिस्तान, जो कि आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है, ऐसे प्रस्ताव को सोने पर सुहागा मान रहा है। इससे पाकिस्तान को दो अहम फायदे मिल सकते हैं। एक तो इससे रेमिटेंस में बढ़ोतरी होगी और दूसरा बेरोजगार युवाओं को अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट हो सकेगी। बेलारूस को क्यों चाहिए पाकिस्तानी मजदूर?बेलारूस का ये ऑफर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के लिए राजनीतिक रूप से भी अहम साबित हो सकता है, जो बेरोजगारी पर चौतरफा आलोचना झेल रही है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस और बेलारूस को पश्चिमी वीजा बंदियों और लेबर ब्लॉकेज का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू वर्कफोर्स की कमी और निर्माण, खेती और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कुशल मजदूरों की भारी डिमांड है। पाकिस्तान के मजदूर कम मेहनताना पर काम करेंगे, जो बेलारूस के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान और बेलारूस के बीच संबंधों में धीरे-धीरे गहराई आई है। पाकिस्तान और बेलारूस के बीच 2021 में भी ट्रेड डायलॉग्स हुए थे। रक्षा क्षेत्र में भी शुरुआती बातचीत हुई है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी डील नहीं हुई। बेलारूस ने पाकिस्तान को IT, फार्मास्युटिकल और कृषि तकनीक में सहयोग देने की इच्छा जताई है।बेलारूस, चीन और रूस दोनों का रणनीतिक सहयोगी है। बेलारूस, जो रूस-चीन खेमे का खिलाड़ी है, उसके लिए पाकिस्तान, “गेटवे टू एशिया” है। बेलारूस और पाकिस्तान के बीच करीबी संबंध बन रहे हैं। इसके अलावा बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में पाकिस्तान की CPEC वाली भूमिका बेलारूस को आकर्षित करती है। हालांकि बेलारूस के घरेलू कानून काफी सख्त हैं और पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके नागरिक वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन झेलने को मजबूर न हों। सऊदी अरब और खाड़ी देशों की तरह, अब पाकिस्तान यूरोपीय क्षेत्र में भी अपनी वर्कफोर्स भेजने की तैयारी कर रहा है और ये उसके लिए एक बड़ा रणनीतिक मौका हो सकता है।
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