राहुल गांधी: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय चुनाव प्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है' और यह भी कि 'प्रणाली में कुछ बहुत गड़बड़ है।' उनका कहना है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं, और उन्होंने इसका उदाहरण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आंकड़ों से दिया।
महाराष्ट्र चुनाव में असंभव आंकड़े राहुल गांधी का आरोप: 'महाराष्ट्र चुनाव में असंभव आंकड़े'
राहुल गांधी ने बोस्टन में भारतीय प्रवासियों के एक कार्यक्रम में कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान के आंकड़े असंभव थे। उनके अनुसार, 65 लाख लोगों का महज दो घंटे में वोट देने का दावा किया गया था, जो शारीरिक रूप से असंभव है। उन्होंने बताया, "हमें शाम 5:30 बजे मतदान का एक आंकड़ा मिला, लेकिन उसी शाम करीब 7:30 बजे 65 लाख वोटर एक साथ मतदान कर चुके थे। यह तथ्य है और यह असंभव है।"
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी वीडियोग्राफी पर उठे सवाल
राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनावी वीडियोग्राफी की मांग की, तो चुनाव आयोग ने इसका विरोध किया और कानून में बदलाव कर दिया। अब वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं है, जो पारदर्शिता के मामले में गंभीर चिंता का विषय है।
राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा और भारतीय चुनाव प्रणाली पर सवाल
राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका में हैं और उन्होंने वहां भारतीय प्रवासी समुदाय से मुलाकात की। 19 अप्रैल को अमेरिका पहुंचे राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों और कारोबारियों से भी बातचीत की। उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली के बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर किया और कहा कि चुनाव आयोग को गंभीरता से जवाब देना चाहिए।
बीजेपी की प्रतिक्रिया विपक्ष का हमला और बीजेपी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का ध्यान मुद्दों से भटकाकर सत्ता में आने पर है। राहुल गांधी का यह बयान और उनकी अमेरिका यात्रा भारतीय राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकते हैं। चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर इस तरह के आरोपों से भारतीय चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
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