इंटरनेट डेस्क। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सेना और पुलिस के मंच भले ही अलग हों, लेकिन उनका मिशन एक ही है देश की सुरक्षा। उन्होंने कहा कि अमृत काल में प्रवेश करते हुए और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए भारत की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को संतुलित करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि गृह मंत्री के रूप में उन्होंने पुलिस के कार्यों को और रक्षा मंत्री के रूप में सेना की गतिविधियों को करीब से देखा है।
राजनाथ सिंह ने पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि वह न केवल अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि नैतिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन कर रही है। उन्होंने कहा, आज देशवासियों को भरोसा है कि अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस उनके साथ खड़ी होगी। उन्होंने पुलिस के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास पर जोर दिया और इसे एक सकारात्मक बदलाव बताया। रक्षा मंत्री ने नक्सलवाद को आंतरिक सुरक्षा के लिए लंबे समय से चुनौती बताया, लेकिन इस समस्या को जड़ से खत्म करने का संकल्प दोहराया।
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