इंटरनेट डेस्क। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में एक बड़ा विधेयक लाने जा रही हैं। इस विधेयक के कानून बनने पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहिसत केंद्रीय मंत्री अगर किसी गंभीर मामले में तीस दिनों के लिए पुलिस हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद छोडऩा पड़ेगा। गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर इन्हें पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए आज संसद में तीन विधेयक पेश करने की योजना सरकार की ओर बनाई जा रही है।
खबरों के अनुसार, आज केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 संसद में पेश किए जा सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश कर सकते हैं।
केन्द्र सरकार की ओर से मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले बिल अगर पीएम, सीएम या मंत्री ऐसे गंभीर अपराधों में गिरफ्तार होते हैं, जिनमें कम से कम 5 साल की जेल हो सकती है और उन्हें लगातार तीन दिन हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा जाने का प्रावधान है।
इस कारण केन्द्र सरकार उठाने जा रही है ये कदम
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार की ओर से ये कदम तमिलनाडु की डीएमके सरकार के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की 2023 में हुई गिरफ्तारी से उपजे विवाद की पृष्ठभूमि में उठाया जा रहा है। तमिलनाडु के राज्यपाल बालाजी को बर्खास्त कर दिया था। बाद में सीएम एमके स्टालिन ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद बालाजी को बहाल कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता व्यक्त की थी। बाद में उन्हें हटा दिया गया था।
PC:jagran
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