मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा पराली जलाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत वित्तीय सहायता निलंबित करने और प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को एक साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ देने से इनकार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी, जो वायु प्रदूषण में योगदान देता है। उन्होंने कहा, "सरकार वार्षिक किसान सम्मान निधि सहायता रोकेगी और पराली जलाने वाले किसानों को एक साल के लिए MSP खरीद से वंचित करेगी।" उन्होंने कहा कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है।
मध्य प्रदेश में किसानों को वर्तमान में किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 12,000 रुपये मिलते हैं - जो केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (6,000 रुपये) और राज्य सरकार की समान राशि के बीच बराबर-बराबर विभाजित होते हैं।
विजयवर्गीय ने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य किसानों को दंडित करना नहीं बल्कि जिम्मेदाराना व्यवहार को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा, "छोटे-मोटे लाभ से बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं होना चाहिए। पर्यावरण को होने वाला नुकसान अंततः उनके अपने बच्चों को प्रभावित करता है।"
कैबिनेट के अन्य निर्णय:
राज्य कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नई स्थानांतरण नीति को भी मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त, इसने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 5% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी, जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू दरों के अनुरूप है, जैसा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले घोषणा की थी।
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