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राणा ने अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा जिलों में जलापूर्ति परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

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श्रीनगर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण और जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने आज अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा जिलों में चल रही विभिन्न जलापूर्ति परियोजनाओं की प्रगति और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.

जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने और संभावित बाधाओं की पहचान करने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता, वरिष्ठ विभागीय अधिकारी और दक्षिण कश्मीर के इन जिलों के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए.

समीक्षा में जल जीवन मिशन के तहत समान और सतत जल पहुँच के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रत्येक घर तक स्वच्छ और विश्वसनीय पेयजल पहुँचाने में तेजी लाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया.

बैठक के दौरान मंत्री ने सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने निर्धारित समय-सीमा के भीतर मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मजबूत निगरानी प्रणालियों और प्रभावी कार्यान्वयन रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया.

पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता आश्वासन के सिद्धांतों पर ज़ोर देते हुए मंत्री ने अधिकारियों को सेवा वितरण तंत्र को बेहतर बनाने, जन शिकायतों का त्वरित समाधान करने और नागरिक संतुष्टि में सुधार के लिए निरंतर कार्य करने के निर्देश दिए.

सतत जल प्रबंधन के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डालते हुए राणा ने जल संरक्षण, अपव्यय को न्यूनतम करने और प्राकृतिक जल स्रोतों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों और प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोणों को अपनाने की वकालत की.

सरकारी पहलों की सफलता में नागरिकों की भूमिका पर ज़ोर देते हुए उन्होंने जल संरक्षण प्रयासों में समुदाय की अधिक भागीदारी की अपील की.

मंत्री ने कहा कि उपलब्ध जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है. हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनानी चाहिए.

उन्होंने तालाबों, झरनों, नदियों और आर्द्रभूमि जैसे पारंपरिक जल निकायों के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए निर्देश जारी किए. मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि इस तरह के प्रयास न केवल जल उपलब्धता को बढ़ाते हैं बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने और जल संकट के प्रति लचीलापन बढ़ाने में भी योगदान देते हैं.

राणा ने संसाधनों के उपयोग और परियोजना परिणामों को अधिकतम करने के लिए जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के अंतर्गत योजनाओं के अभिसरण का भी आह्वान किया. उन्होंने परियोजनाओं के समय पर और कुशल निष्पादन पर ज़ोर दिया, साथ ही कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर गुणवत्ता मानदंडों और पारदर्शिता का कड़ाई से पालन करने पर भी ज़ोर दिया.

अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा के जिला प्रशासनों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने अब तक हुई प्रगति की सराहना की और अधिकारियों को ज़मीनी चुनौतियों का सामना करते हुए गति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने जम्मू और कश्मीर को जल-सुरक्षित क्षेत्र बनाने और सुरक्षित एवं सतत पेयजल तक सार्वभौमिक पहुँच के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने में सरकार के पूर्ण समर्थन को दोहराया.

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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