कोलकाता, 14 मई . भारत-पाकिस्तान संबंधों में आई तल्ख़ी के बाद पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा कर दिया गया है. खासतौर पर उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती इलाके बसीरहाट से सटे सुंदरबन क्षेत्र में जहां सीमा पर बाड़ नहीं है, वहां से आतंकवादियों के घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. जल और थल दोनों सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर लगातार निगरानी की जा रही है.
बसीरहाट के स्वरूपनगर से लेकर हिंगलगंज के हेमनगर कोस्टल थाना तक लगभग 94 किलोमीटर की सीमा है, जिसमें से 55 किलोमीटर जलसीमा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि आतंकवादी संगठन सुंदरबन के असुरक्षित इलाकों का इस्तेमाल भारत में घुसपैठ के लिए कर सकते हैं, विशेषकर जब पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर है. इस संभावना को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ ने इन इलाकों में चौकसी और गश्त तेज कर दी है.
ड्रोन, अत्याधुनिक रडार और नाइट विजन कैमरों के माध्यम से सुरक्षा बल दिन-रात निगरानी कर रहे हैं. जलसीमा पर स्पीडबोट की मदद से निगरानी और पूछताछ की जा रही है. वर्तमान में समुद्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है, इस कारण मछुआरों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और उनसे पहचान पत्र दिखाने के बाद ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है.
पिछले कुछ सप्ताह में दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन इलाके से कई बांग्लादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अब सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी चूक नहीं की जाएगी.
इसी के मद्देनजर बसीरहाट पुलिस जिले में एक विशेष नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) भी स्थापित किया गया है. इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखना, अफवाहों पर नियंत्रण रखना और स्थानीय नागरिकों में जागरूकता फैलाना है.
बसीरहाट पुलिस के एसपी डॉ. हुसैन मेहदी रहमान ने बुधवार को बताया, “बीएसएफ अधिकारियों से लगातार समन्वय बना हुआ है. सीमाई इलाकों में लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. अगर किसी को किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो वह 24 घंटे काम कर रहे कंट्रोल रूम में जानकारी दे सकता है.”
/ ओम पराशर
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