पूर्णिया, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
सीमांचल क्षेत्र, जो लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता रहा है, अब शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर है। पूर्णिया विश्वविद्यालय में चल रही नई शिक्षा व्यवस्था ने उन छात्रों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है, जो अब तक संसाधनों के अभाव में पीछे रह जाते थे।
छात्र जदयू पूर्णियां के जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता किशन भारद्वाज ने नई व्यवस्था की सराहना करते हुए बताया कि अब शिक्षा केवल विशेष वर्ग तक सीमित नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि पहले जहां इतिहास जैसे विषय में प्रवेश पाने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंक आवश्यक माने जाते थे, वहीं अब 55 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र भी नामांकन पा रहे हैं। यह बदलाव न केवल मेरिट की व्याख्या को नया आयाम दे रहा है, बल्कि गरीब और वंचित तबके के छात्रों को भी मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पहली बार हाल ही में आरंभ किए गए ओरिएंटेशन प्रोग्राम की भी सराहना की। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को ‘सीआईए’ ‘क्रेडिट सिस्टम’, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े पहलुओं की जानकारी दी जा रही है।
किशन भारद्वाज ने कहा, “पूर्व में मैंने कई बार प्रशासन से मौखिक रूप से और आवेदन के माध्यम से आग्रह किया था कि छात्रों को इन विषयों की जानकारी दी जाए, लेकिन उस समय इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। अब जब कॉलेज स्तर पर छात्रों को जागरूक किया जा रहा है, तो यह निस्संदेह सीमांचल के छात्रों के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होगा।”
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(Udaipur Kiran) / नंदकिशोर सिंह
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