– Chief Minister की पहल से वाराणसी सहित प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों, देवी मंदिरों को मिला नया स्वरूप, भक्तों को मिली बेहतर सुविधाएं
– बारिश के बावजूद अष्टमी और नवमी पर ही एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पूरे प्रदेश के देवी मंदिरों में लगाई हाजिरी
वाराणसी,01 अक्टूबर ( हि.स.). Uttar Pradesh की पावन धरती पर शारदीय नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और नारी शक्ति का विराट स्वरूप बनकर उभरा है. इस बार पूरे प्रदेश में देवी मंदिरों की तस्वीर देखें, तो यह साफ झलकता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते आठ वर्षों में न केवल प्राचीन धरोहर को संजोया है, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर श्रद्धालुओं को नया अनुभव भी दिया है. यही कारण है कि धर्म नगरी वाराणसी,विन्ध्य धाम सहित पूर्वांचल के देवी मंदिरों से लेकर पश्चिमी Uttar Pradesh के शाकम्भरी मंदिर तक के देवी मंदिरों में नवरात्रि के नौ दिनों में लगभग 2 करोड़ भक्तों ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई. इनमें से केवल मिर्जापुर स्थित विंध्यवासिनी धाम में ही 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां का आशीर्वाद लिया.
मां विंध्यवासिनी धाम : नौ दिनों तक लाखों श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
मीरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर प्रदेश का सबसे प्रमुख सिद्धपीठ माना जाता है. यहां नवरात्र में प्रतिदिन औसतन 4 से 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे. आम दिनों की तुलना में यह संख्या कई गुना बढ़ गई. सरकार द्वारा बनाए गए विंध्याचल कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं को नई सहूलियत दी है. नवरात्रि के अंतिम तीन दिनों में यहां रोज़ाना 6 से 7 लाख श्रद्धालु माता की आराधना में शामिल हुए. बताते चले योगी आदित्यनाथ सरकार यहां श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण अंतिम चरण में ले आई है. मंदिर परिसर में परकोटा, चौड़ी परिक्रमा पथ, यात्री शेड, चौड़े मार्ग और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था ने भीड़ प्रबंधन को आसान बना दिया है. यहां भक्त बिना धक्का-मुक्की के सहज रूप से दर्शन कर पा रहे हैं. आस्था और विकास का यह मेल विंध्याचल को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक तीर्थ पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित कर रहा है.
वाराणसी : विशालाक्षी शक्तिपीठ में दक्षिण भारत से उमड़ी आस्था
धर्म और मोक्ष की नगरी काशी में स्थित 51 शक्तिपीठों में गिने जाने वाले मां विशालाक्षी मंदिर में सामान्य दिनों की तुलना में नवरात्रि पर भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई. सप्तमी से नवमी तक यहां 20 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचे. वाराणसी के गायत्री शक्ति पीठ चौरा देवी मंदिर में नवमी तक 1 लाख से अधिक श्रद्धालु आए, जबकि दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों में 12 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे. यहां अंतिम तीन दिनों में प्रतिदिन करीब 2 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आए.
सहारनपुर : शाकम्भरी व त्रिपुर बाला सुंदरी धाम बने श्रद्धा के केंद्र
पश्चिमी Uttar Pradesh का सहारनपुर जिला भी आस्था से सराबोर रहा. नवरात्रि के नौ दिनों में शाकम्भरी धाम में लगभग 7 लाख और मां त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर में करीब 4 लाख श्रद्धालुओं ने मत्था टेका. यहां सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भव्य प्रवेश द्वार, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और महिला सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए. महिला पुलिस की मौजूदगी और ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत किए गए प्रयासों ने यहां आने वाले भक्तों को सुरक्षित वातावरण दिया.
देवीपाटन : मां पाटेश्वरी मंदिर में लाखों भक्त और भव्य मेला
बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी मंदिर में इस नवरात्रि करीब 6.50 लाख श्रद्धालु पहुंचे. सप्तमी से नवमी तक यहां सबसे अधिक भीड़ रही. साथ ही मंदिर प्रबंधन ने 15 दिवसीय मेले का भी आयोजन किया, जिसमें आस्था और परंपरा का सुंदर संगम देखने को मिला.
योगी सरकार ने देवीपाटन मंदिर के कायाकल्प के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए हैं—जिसमें मार्ग का चौड़ीकरण, रोशनी की व्यवस्था, फसाड लाइटिंग, लेजर शो, सुरक्षा इंतजाम और श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थलों का निर्माण शामिल है. इस परिवर्तन ने देवीपाटन को न सिर्फ धार्मिक स्थल, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बना दिया है.
Prayagraj : गंगा तट पर आस्था की गूंज
Prayagraj के मां अलोप शंकरी धाम में नवरात्रि के दौरान करीब 12 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर प्रतिदिन ढाई लाख तक भक्त मां के दरबार में हाजिरी लगाने आए. मां कल्याणी देवी मंदिर में लगभग 6 लाख और मां ललिता देवी मंदिर में प्रतिदिन 70 से 80 हजार श्रद्धालु पहुंचे. सरकार ने यहां लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से यात्री शेड, लाइटिंग और सौंदर्यीकरण के कार्य कराए हैं.
गोरखपुर : तरकुलहा व बुढ़िया माई धाम में भव्यता का नया रूप
गोरखपुर स्थित तरकुलहा देवी मंदिर इस बार नवरात्रि में प्रमुख आस्था केंद्र बन गया. औसतन 50 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचे, जबकि नवमी पर संख्या 1 लाख पार कर गई. अबतक 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां दर्शन कर चुके हैं. वहीं कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर में 5 लाख भक्त पहुंचे. यहां नवरात्रि के अंतिम तीन दिनों में रोज़ाना 1 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ रही. सरकार ने यहां पर्यटन विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सुविधाएं बढ़ाई हैं.
गाजीपुर : हथियाराम मठ और कामाख्या मंदिर में उमड़ा विश्वास
गाजीपुर के हथियाराम मठ में इस बार नवरात्रि पर लगभग 40 हजार लोग पहुंचे. वहीं कामाख्या देवी मंदिर में अबतक 1 लाख से अधिक भक्तों ने माता के चरणों में मत्था टेका.
जौनपुर : चौकिया धाम में श्रद्धालुओं का रेला
जौनपुर का मां शीतला चौकिया मंदिर नवरात्रि में भक्तों से खचाखच भरा रहा. प्रतिदिन 70 हजार और सप्तमी से नवमी तक करीब 1 लाख श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचे.
नैमिषारण्य : महानवमी पर भक्तों का सैलाब
नैमिषारण्य की तपोभूमि स्थित ललिता देवी मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों में दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. महानवमी पर यहां आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला.
आगरा : चामुंडा देवी मंदिर समेत कई धाम बने आकर्षण
आगरा का 300 साल पुराना चामुंडा देवी मंदिर नवरात्रि में विशेष आकर्षण रहा. यहां करीब 2 लाख श्रद्धालु पहुंचे. इसके साथ कैला माता मंदिर में 15 लाख, सती माता मंदिर में 2 लाख, काली माता मंदिर में 1.5 लाख और शीतला माता मंदिर में 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे.
मथुरा : नरी सेमरी मंदिर में परंपरा का अनोखा स्वरूप
मथुरा के छाता स्थित नरी सेमरी माता मंदिर में नवरात्रि पर 3 लाख श्रद्धालु पहुंचे. यहां मूर्ति के खड़े होने की परंपरा और लाठी-डंडे से पूजा की परंपरा श्रद्धालुओं को आकर्षित करती रही.
झांसी : आल्हा-उदल की गाथा से जुड़े देवी मंदिर
झांसी के पंचकुइया, कैमासन, महाकाली और लहर देवी मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों में 1-1 लाख से अधिक भक्त पहुंचे. यहां के मंदिरों का ऐतिहासिक महत्व और आस्था दोनों ही देखने को मिले.
अन्य प्रमुख धाम : प्रदेशभर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महराजगंज के लेहड़ा देवी मंदिर में 2 लाख श्रद्धालु पहुंचे. औरैया के 15 मंदिरों में करीब ढाई लाख लोग दर्शन को आए. हापुड़, सिद्धार्थनगर और अन्य जिलों के मंदिरों में भी लाखों की भीड़ रही.
मिशन शक्ति 5.0 : नवरात्र में भक्ति के साथ दिखी महिला सशक्तिकरण की झलक
योगी सरकार ने इस नवरात्रि को सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि नारी सुरक्षा और सम्मान का उत्सव बना दिया. शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन प्रदेशभर में महिला पुलिस कर्मियों ने स्कूटी रैली निकालकर ‘मिशन शक्ति 5.0’ का शुभारंभ किया. पूरे नवरात्र के दौरान हर तहसील में स्कूली कन्याओं को एक दिन के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपकर सम्मानित किया गया. देवी मंदिरों में लाखों श्रद्धालु जहां पूजा-अर्चना कर रहे थे, वहीं योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को और सशक्त किया. मंदिरों में महिला पुलिस तैनात रही, 1090 हेल्पलाइन सक्रिय की गई और हर जिले में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी प्रदर्शनी आयोजित हुई.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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