औरैया, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । बीते चार दिनों से लगातार बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को 113.13 मीटर पर जाकर स्थिर हो गया। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के बावजूद स्थिर होने से ग्रामीणों व प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
सिकरोड़ी पुल के बाद यमुना का पानी इटावा–औरैया संपर्क मार्ग तक पहुंच गया है। वहीं, गौहानी कला मार्ग पहले से ही बंद है। ग्रामीण नावों की मदद से अपने घरों तक आ-जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें भेजी गई हैं, जो गांवों में पहुंचकर लोगों की जांच व दवा वितरण कर रही हैं।
कोटा बैराज व हथनी कुंड से छोड़े गए पानी ने यमुना का स्तर तेजी से बढ़ा दिया था, जिससे किनारे बसे गांवों में अफरा-तफरी मच गई थी। सिकरोड़ी, गौहानी कला, गौहानी खुर्द, जाजपुर, असेवटा, जुहीखा, बडेरा, गूंज, ततारपुर और बबाईंन सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। कटान तेज होने से सड़क और खेत भी जलमग्न हो गए। कई किसानों की मड़ैयां डूब गईं, जिससे लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जाने की तैयारी में जुट गए थे।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बाढ़ की तबाही आज भी याद आते ही सिहरन पैदा कर देती है। यदि पानी और बढ़ा तो गांव पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि अब जलस्तर स्थिर होने से हालात सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है।
उपजिलाधिकारी निखिल राजपूत ने बताया कि यमुना का जलस्तर अब कम होना शुरू हो गया है। फिलहाल किसी खतरे की आशंका नहीं है, फिर भी प्रशासन सतर्क है और लगातार गांवों में जाकर राहत कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा वितरण और मरीजों का उपचार कर रही हैं।
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(Udaipur Kiran) कुमार
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