नाहन, 27 अप्रैल . हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा शहर, जहां की गलियों में बड़े सपने पलते हैं. इन्हीं सपनों में से एक सपना था टेबल टेनिस की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने का. 17 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी नमन भटनागर अपने सपनों को साकार करने की राह पर है.नमन की प्रारम्भिक शिक्षा नाहन में हुई और अब वो अपने अभिभावकों के साथ धर्मशाला में रहता है.
रविवार शाम नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित टेबल टेनिस की दक्षिण एशियाई युथ चैंपियनशिप में नमन ने इतिहास रच दिया. अंडर-19 पुरुष डबल्स मुकाबले में तमिलनाडु के खिलाड़ी सुरेश राजपर्श के साथ जोड़ी बनाकर नमन ने शानदार प्रदर्शन किया और मेजबान नेपाल के खिलाड़ियों को फाइनल में 3-1 से पराजित कर स्वर्ण पदक भारत के नाम किया.
यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि यह नमन का अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहला गोल्ड मेडल है. इससे पहले नमन ने मिस्र में आयोजित वर्ल्ड टेबल टेनिस टूर्नामेंट के अंडर-15 वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
शुरुआती पढ़ाई नाहन के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल से करने के बाद नमन ने खेल में बेहतर अवसरों के लिए बाहर का रुख किया. आज वह खेलो इंडिया नगरोटा अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं. अंडर-15 श्रेणी में भारत में छठी और विश्व में 47 वीं रैंक हासिल करने वाला यह खिलाड़ी अब अंडर-19 वर्ग में भी देश का नाम रौशन कर रहा है. नमन के माता-पिता शिक्षा जगत से जुड़े रहे हैं. पिता विकास भटनागर वर्तमान में धर्मशाला में जेल अधीक्षक हैं और माता दुर्गेश भटनागर एक स्कूल लेक्चरर हैं.
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/ जितेंद्र ठाकुर
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