देहरादून, 24 अप्रैल . राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. इस निर्णय के बाद अब राज्य में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत अस्पताल को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना देगी होगी. राज्य सूचना आयुक्त भट्ट ने निर्णय में कहा कि सभी जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी व राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण निजी अस्पतालों से सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वांछित सूचना प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे.
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने यह निर्णय वेलमेड अस्पताल से एक मरीज द्वारा उपचार के संबंध में सूचना दिये जाने से इंकार किये जाने पर दिया. आयोग द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के लोक सूचना अधिकारी को निजी अस्पतालों की सूचना प्रदान नहीं किये जाने पर नोटिस जारी किया गया है. आयोग में सुनवाई के दौरान अवगत कराया गया कि प्रदेश में निजी अस्पतालों का संचालन दि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट, रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट 2010 व 2013 के अंतर्गत किया जाता है. प्रत्येक निजी अस्पताल को एक्ट के अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य है.
सुनवाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से उपस्थित डा वंदना सेमवाल ने अवगत कराया कि एक्ट के अनुसार पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा उपचारित किये गये मरीजों का चिकित्सा अभिलेख एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संदर्भ में स्वास्थ्य सांख्यिकी सूचना जिला प्राधिकरण को भेजे जाने का प्राविधान है और अधिनियम में निजी अस्पतालों द्वारा चिकित्सा अभिलेखों का अनुरक्षण किये जाने का स्पष्ट प्राविधान है. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से उपस्थित लोक सूचना अधिकारी द्वारा पृच्छा किये जाने पर अवगत कराया गया कि यदि निजी अस्पताल सरकार की गोल्डन कार्ड अथवा आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार करना चाहते हैं तो निजी अस्पतालों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की शर्तों/नियम के अधीन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनिवार्यता है. पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा इस योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार किये जाने पर भुगतान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा किया जाता है. प्रस्तुत अपील में पक्षकार वैलमेड अस्पताल गोल्डन कार्ड एवं आयुष्मान योजना के अंतर्गत उपचार हेतु पंजीकृत है.
चर्चा के उपरांत राज्य सूचना आयुक्तयोगेश भट्ट ने स्पष्ट किया कि निजी अस्पतालों द्वारा सूचना अधिकार के अंतर्गत मरीज को सूचना दिये जाने से इंकार नहीं किया जा सकता. प्रत्येक निजी अस्पताल मरीज के उपचार का संपूर्ण विवरण पूरी पारदर्शिता के साथ मरीज को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. एक्ट का उददेश्य अस्पतालों में मरीजों को पारदर्शी जिम्मेदारी पूर्वक उपचार दिलाना है. तथा प्रदेश में समस्त निजी अस्पतालों का संचालन के अंतर्गत किया जा रहा है, अतः किसी मरीज द्वारा स्वयं के उपचार से संबंधित विवरण सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगा जा रहा है तो संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अधिनियम की धारा 5(4) एवं एक्ट में प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए निजी अस्पताल से वांछित सूचना प्राप्त कर मरीज को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
यह स्पष्ट किया जाता है कि निजी अस्पताल सूचना का अधिकार अधिनियम की परिधि में न आने का कथन करते हुए किसी मरीज को उसे दिये उपचार से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने से इंकार नहीं कर सकते. जिस सीमा तक एक्ट के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पतालों पर नियंत्रण है उस सीमा तक सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना दिये जाने से निजी अस्पतालों द्वारा इंकार नहीं किया जा सकता.
/ Vinod Pokhriyal
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