जयपुर, 18 अप्रैल . राजस्थान हाईकोर्ट ने उप प्राचार्य के पद पर पदोन्नत हुए व्याख्याता के पदस्थापन से जुडे मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता के स्थान पर दूसरा कर्मचारी पदस्थापित नहीं हुआ तो उसे समान पद पर बनाए रखा जाए. वहीं अदालत ने शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से पूछा है कि जब याचिकाकर्ता के स्कूल में उप प्राचार्य का पद खाली है तो उसे दूसरी स्कूल में क्यों भेजा जा रहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश मुकेश कुमार मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बूंदी के लाखेरी में पदस्थापित है. उसे साल 2022-23 के पदों के विरुद्ध पदोन्नत कर उप प्राचार्य बनाया गया है. वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद याचिकाकर्ता ने समान स्कूल में उप प्राचार्य का पद भी ग्रहण कर लिया है. वहीं गत 23 मार्च को राज्य सरकार ने उसे दूसरी स्कूल में पदस्थापित कर दिया. याचिका में कहा गया कि लाखेरी की उसी स्कूल में उप प्राचार्य का पद रिक्त है और अन्य कोई कर्मचारी भी इस पद पर तबादला होकर नहीं आया है. ऐसे में उसे समान जगह यथावत रखा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को यथावत स्थान पर रखते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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