Chief Minister ने यूकेएसएसएससी Examination के पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच के लिए किया अनुमोदन
देहरादून, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Uttarakhand में अब प्रतियोगी Examination ओं में भी नकल रोकने के लिए सख्त कानून तैयार करने की कवायद तेज हो गई है. Chief Minister पुष्कर धामी ने Examination पर पैनी नजर रखने के लिए एक समिति के गठित करने के निर्देश दिए हैं. इस अलावा Chief Minister ने यूकेएसएसएससी की 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय Examination की सीबीआई जांच के लिए भी अनुमोदन कर दिया है. Chief Minister ने कहा कि भविष्य में Examination ओं को पूरी पारदर्शिता के साथ ही आयोजित किया जाएगा.
Chief Minister ने कहा कि युवाओं के मन में किसी भी प्रकार की शंका या संदेह नहीं रहना चाहिए, इसीलिए राज्य सरकार ने मामले को राज्य की एजेंसियों तक सीमित रखने के बजाय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्णय लिया है. सीबीआई जांच से पूरे प्रकरण की गहन और निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा.
Chief Minister पुष्कर सिंह धामी Examination ओं में नकल रोकने के ठोस तैयारियों में जुटे हैं. इस संबंध में वे लगातार विशेषज्ञों से भी रायशुमारी कर रहे हैं. इसी क्रम में Chief Minister ने प्रतियोगी Examination ओं को स्वच्छ व पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक समिति के गठन का निर्णय लिया है. समिति प्रतियोगी Examination ओं की कड़ी निगरानी करेगी.
खालिद ने नौ Examination ओं में किए आवेदन, पांच के नहीं दिए पेपर
नकल विरोधी कानून के तहत पंजीकृत अभियोग की विवेचना कर रही एसआईटी टीम ने विवेचना के दौरान आरोपित खालिद के घर का सर्च वारंट लेकर उसके घर की तलाशी ली गयी. तलाशी के दौरान पुलिस टीम को आरोपि के घर से प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की पठन सामग्री (किताबें इत्यादि) बरामद नहीं हुईं. विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि आरोपित खालिद ने वर्ष 2023 से 2025 तक कुल नौ प्रतियोगी परिक्षाओं के आवेदन किये गये थे, जिनमें से पांच प्रतियोगी Examination ओं में आरोपित सम्मिलित नहीं हुआ था. जिन Examination ओं के उसने पेपर दिए थे, उनमें भी उसके प्राप्तांक काफी कम थे. आरोपित ने जिन Examination ओं के लिए आवेदन किया गया, उनमें से कुछ Examination एं ऐसी भी थी जिनकी शैक्षिक अहर्ताओं को आरोपित पूर्ण नहीं करता था. एसआईटी इस परिप्रेक्ष्य में भी विवेचना कर रही है, कि उक्त Examination ओं के लिए आवेदन के पीछे आरोपित की मंशा क्या थी.
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
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