नई दिल्ली, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । उच्चतम न्यायालय ने बांबे उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जिसमें बीएमसी को शहर में कबूतर खाने में कबूतरों को दाना डालने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो उच्च न्यायालय के आदेश में संशोधन के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दो अलग-अलग कोर्ट में समानांतर कार्रवाई नहीं चल सकती है।
दरअसल बांबे उच्च न्यायालय ने कहा था कि ये मसला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है और सभी उम्र के लोगों के लिए गंभीर और संभावित स्वास्थ्य के खतरे से जुड़ा हुआ है। उच्च न्यायालय ने पहले बीएमसी को बांबे में किसी भी पुराने विरासत वाले कबूतरखाने को गिराने से रोक दिया था। साथ ही कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया था।
याचिका पल्लवी पटेल, स्नेहा विसारिया और सविता महाजन ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि बीएमसी ने कबूतरों को खाना खिलाने वाले स्थानों को गैर-कानूनी तरीके से गिराना शुरु कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि बीएमसी का ये काम पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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