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फौजी के बेटे की जिंदगी खतरे में: अमेरिका से आएगा ₹27 करोड़ का टीका, परिवार ने जुटाए सिर्फ ₹3.10 करोड़!

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Duchenne Muscular Dystrophy : पंजाब के अमृतसर के एक फौजी परिवार की जिंदगी इन दिनों अपने बेटे इश्मीत की जिंदगी बचाने की जंग में उलझी है। फौजी हरप्रीत सिंह और उनकी पत्नी प्रिया अपने बच्चे को ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए ₹27 करोड़ की जरूरत है, लेकिन अब तक सिर्फ ₹3.10 करोड़ ही जुट पाए हैं। परिवार ने सरकारी दफ्तरों से लेकर सड़कों तक हर जगह मदद की गुहार लगाई, लेकिन अभी भी ₹24 करोड़ की कमी है। अगर अगले एक साल में यह रकम जुट नहीं पाई, तो इश्मीत चलने-फिरने की क्षमता खो सकता है। आइए, इस परिवार की कहानी और उनकी जंग को करीब से जानते हैं।

इश्मीत को कैसे हुई यह बीमारी?

इश्मीत को ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) नाम की एक ऐसी बीमारी है, जो मांसपेशियों को धीरे-धीरे कमजोर कर देती है। यह एक जेनेटिक बीमारी है, जो बच्चों में आमतौर पर 3 से 5 साल की उम्र में दिखाई देती है। प्रिया ने बताया कि शुरुआत में इश्मीत को चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी थी। पहले तो परिवार ने इसे सामान्य समझा, लेकिन जब जांच हुई तो इस गंभीर बीमारी का पता चला। डॉक्टरों ने बताया कि इसका इलाज सिर्फ एक खास टीके से संभव है, जो अमेरिका से मंगवाना होगा। इस टीके की कीमत ही ₹27 करोड़ है।

परिवार की मदद की पुकार

हरप्रीत और प्रिया ने अपने बेटे को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की और मदद की अपील की। मुख्यमंत्री ने उनकी फाइल ली और जल्द मदद का भरोसा दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस सहायता नहीं मिली। परिवार अब सड़कों पर उतरकर लोगों से मदद मांग रहा है। प्रिया ने बताया कि उनके पति हरप्रीत को मेडिकल आधार पर दिल्ली में पोस्टिंग मिली है। बच्चे का इलाज दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल और एम्स में चल रहा है, लेकिन बिना अमेरिकी टीके के इलाज अधूरा है।

छुट्टी के दिन सड़कों पर मदद की गुहार

हरप्रीत और प्रिया छुट्टी के दिन कार में पीपा लेकर अलग-अलग शहरों में जाते हैं और लोगों से अपने बेटे के लिए मदद मांगते हैं। वे संस्थाओं, मशहूर हस्तियों, उद्यमियों और आम लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। हरप्रीत कहते हैं, “अगर 5 लाख लोग हमें ₹500 भी दे दें, तो ₹25 करोड़ जुट जाएंगे। या फिर 2.5 लाख लोग ₹1000 भी दान करें, तो हमारे बच्चे की जिंदगी बच सकती है।” प्रिया ने भी लोगों से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा, “मैं हर मां से कहना चाहती हूं कि खान-पान का ध्यान रखें। मेरे बच्चे के साथ जो हुआ, वो किसी और के साथ न हो।”

मां की दोहरी अपील

प्रिया न सिर्फ अपने बच्चे के लिए मदद मांग रही हैं, बल्कि दूसरी माताओं को भी जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा, “गर्भावस्था में खान-पान का खास ख्याल रखें, क्योंकि बच्चे की सेहत मां के खान-पान पर निर्भर करती है। मेरे साथ ऐसा ही हुआ, और आज मेरा बच्चा इस गंभीर बीमारी से जूझ रहा है।” परिवार की यह जंग अब सिर्फ इश्मीत की जिंदगी बचाने की नहीं, बल्कि दूसरों को जागरूक करने की भी बन गई है।

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