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18वीं सदी का वो मुस्लिम योद्धा, जिसने अमेरिका को दी टैक्स की ठोकर

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इतिहास के पन्नों में एक ऐसी घटना दर्ज है, जो आपको हैरान कर देगी। दुनिया की महाशक्ति अमेरिका पर सबसे पहले टैक्स लगाने वाला कोई यूरोपीय नहीं, बल्कि एक मुस्लिम नौसैनिक था। उनका नाम था ग़ाज़ी हसन पाशा। 1714 में अल्जीरिया में जन्मे और 1790 में दुनिया को अलविदा कहने वाले इस शख्स को उनकी बेमिसाल बहादुरी और शेर जैसी दिलेरी के लिए “लायन पाशा” के नाम से जाना जाता है। उनकी कहानी न सिर्फ रोमांचक है, बल्कि इतिहास के कई अनछुए पहलुओं को भी उजागर करती है।

समंदर पर लिखी गई शौर्य की गाथा

ग़ाज़ी हसन पाशा ने छोटी उम्र में ही समुद्र को अपनी कर्मभूमि बना लिया। उन्होंने एक स्पेनिश युद्धपोत पर कब्ज़ा करके सबको चौंका दिया और उसे अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद भूमध्यसागर में उनका नाम खौफ का पर्याय बन गया। अमेरिकी जहाज़ भी उनके रडार पर आ गए। हसन पाशा ने न सिर्फ अमेरिकी युद्धपोतों पर धावा बोला, बल्कि उन्हें टैक्स चुकाने के लिए भी मजबूर कर दिया। यह वो दौर था, जब अमेरिका अभी अपनी ताकत को पूरी तरह स्थापित भी नहीं कर पाया था।

त्रिपोली संधि: अमेरिका को झुकाने वाला समझौता

इतिहासकार बताते हैं कि ग़ाज़ी हसन पाशा की सख्ती ने अमेरिका को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनकी ताकत के आगे अमेरिका को त्रिपोली की संधि करनी पड़ी। यह अमेरिकी इतिहास की पहली ऐसी संधि थी, जो किसी विदेशी भाषा—उस्मानी तुर्की और अरबी—में लिखी गई। इस समझौते के तहत अमेरिका ने 6 लाख 42 हज़ार स्वर्ण सिक्कों का भुगतान किया और हर साल 12 हज़ार सिक्के टैक्स के रूप में देने पड़े। यह घटना अमेरिकी इतिहास में एक अनोखा अध्याय बन गई।

तुर्की नौसेना के जनक और समाज सुधारक

हसन पाशा सिर्फ एक योद्धा ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने आधुनिक तुर्की नौसेना की नींव भी रखी। आज तुर्की की नौसैनिक अकादमियाँ उनकी देन हैं। इसके अलावा, उन्होंने अल्जीयर्स में मस्जिदें और स्कूल बनवाए, जिससे समाज में शिक्षा और धर्म को बढ़ावा मिला। उनकी एक और खास बात थी—उनका पाला हुआ शेर, जो उनके साथ युद्धपोतों पर भी मौजूद रहता था। यह शेर उनकी शक्ति और शौर्य का प्रतीक बन गया था।

अमर योद्धा की विरासत

ग़ाज़ी हसन पाशा की कोई संतान नहीं थी, लेकिन उनकी वीरता और दूरदर्शिता ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया। 1790 में उनका निधन हो गया, मगर उनकी कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है। वह वो शख्स थे, जिसने अमेरिका जैसे देश को टैक्स चुकाने पर मजबूर किया और तुर्की नौसेना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

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